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शोकरहित
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शोकहीन
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राफ गैयि
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بےٚ شوق
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शोकहीण
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ദുഃഖമില്ലാത്തവന്
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சோகமில்லாத
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ଶୋକହୀନ
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బాధలేని
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শোকহীন
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ਚਿੰਤਾਮੁਕਤ
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શોકરહિત
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ಶೋಕವಿರದ
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অশোক
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अशोक
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दुःखरहित
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विषादरहित
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चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - अशोककलिकाप्राशनव्रत
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
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चैत्र शु. अष्टमी
Chaitra shuddha Ashtami
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अध्याय ४० वा - श्लोक १६ ते २०
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
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विनय पत्रिका - विनयावली १७७
विनय पत्रिकामे , भगवान् श्रीराम के अनन्य भक्त तुलसीदास भगवान् की भक्तवत्सलता व दयालुता का दर्शन करा रहे हैं।
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ज्ञानदशक मायोद्भवनाम - ॥ समास नववां - सिद्धलक्षणनाम ॥
३५० वर्ष पूर्व मानव की अत्यंत हीन दीन अवस्था देख, उससे उसकी मुक्तता हो इस उदार हेतु से श्रीसमर्थ ने मानव को शिक्षा दी ।
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अष्टावक्र गीता - अध्याय १
अष्टावक्र गीता म्हणजे आयुष्यातील महत्वाचे जीवनसार होय. या गीतेत अद्वैत वेदांत असून, यात अष्टावक्र आणि मिथील नरेश जनक यांमधील संवाद आहे.
Ashtavakra gita is a perfect moral of life.
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वीत
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व्यतिरेक अलंकार - लक्षण ७
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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प्रथम पाद - लक्ष्मीनारायण व्रत
` नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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मानसागरी - अध्याय २ - चतुर्ग्रहयोगफल
सृष्टीचमत्काराची कारणे समजून घेण्याची जिज्ञासा तृप्त करण्यासाठी प्राचीन भारतातील बुद्धिमान ऋषीमुनी, महर्षींनी नानाविध शास्त्रे जगाला उपलब्ध करून दिली आहेत, त्यापैकीच एक ज्योतिषशास्त्र होय.
The horoscope is a stylized map of the planets including sun and moon over a specific location at a particular moment in time, in the sky.
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शिवगीता - अध्याय १२
विविध गीतामे प्राचीन ऋषी मुनींद्वारा रचा हुवा विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वोंका संग्रह है।
Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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द्वितीय परिच्छेद - देवीपूजा
निर्णयसिंधु ग्रंथामध्ये कोणत्या कर्माचा कोणता काल , याचा मुख्यत्वेकरून निर्णय केलेला आहे .
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विवेकचूडामणी - श्लोक संग्रह २०३-२५०
विवेकचूडामणी ह्या ग्रंथात आत्मानात्मविचार आणि तत्त्वज्ञान पूर्णपणे भरलेले आहे, शिवाय ईश्वरप्राप्तीचा ज्ञानमार्ग उत्तम प्रकारे दर्शविला आहे.
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प्रथम पाद - गंगा यमुना संगम
` नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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एकादशी महात्म्य - प्रबोधिनी एकादशी
एकादशी व्रताचे नुसते श्रवण केल्यासही श्रोत्याला या जगात अनेक सुखोपभोग मिळतात व शेवटी त्याला विष्णुलोकात स्थान प्राप्त होते.
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साईसच्चरित - अध्याय १६ वा
श्रीसाईसच्चरित या ग्रंथांत श्रीसाईबाबांच्या अद्भुत लीलांचा व उपदेशांचा संग्रह आहे.
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द्वितीय पाद - राजा जनकको उपदेश
` नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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प्रथम पाद - द्वादशीव्रतका वर्णन
` नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द- शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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श्रीनरसिंहपुराण - अध्याय ५२
अन्य पुराणोंकी तरह श्रीनरसिंहपुराण भी भगवान् श्रीवेदव्यासरचित ही माना जाता है ।
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दशक आठवा - मायोद्भवाचा
दशक आठवा - मायोद्भवाचा
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आदिमाया गीता - अध्याय दुसरा
आदिमाया गीता
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मन्त्रमहोदधि - एकविंश तरङ्ग
`मन्त्रमहोदधि' इस ग्रंथमें अनेक मंत्रोंका समावेश है, जो आद्य माना जाता है।
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ईश्वरगीता
ईश्वरगीता
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युधिष्ठिर
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